चिट्ठाकार मंडली नमो नमः ।
ब्लाग कहो या चिट्ठा ,खट्टा हो या मीठा
सुलेख हो या कुलेख, मिले तालियाँ या गालियाँ ।
जो मन में आये लिखो, सीखो या सिखाओ
मुफ्त़ में मेरे जैसा कवि-लेखक बन जाओ ।
देशी बोली में कुछ सुनाओ, हम सब दोपाया जन्तु हैं
यहाँ भी कई दल हैं, अच्छे-भले और चपल तन्तु हैं ।
जय रामजी की, अपनी तो एक ही तसल्ली है
अनिर्मित सेतु बनाने को, हमारी एक बानर टोली है ।
चिट्ठाकार मंडली नमो नमः ।
3 टिप्पणी
वानर सेना की उछलकूद जारी रहे यही कामना है।
Prem Piyush,
aapka blog dekha...bada "Natkhat" lekhan hai tumhara, yaar. Man halka ho gaya aur pet bhari.....taro-taza karne ke liye shukriya.
......milte rahenge.
-Sanjay Vidrohi
बहुत सही कहा...मेरे जैसे लोगों पर आपका दूसरा छन्द एकदम सटीक बैठता है...
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